भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह एक समय टीम इंडिया के कप्तानी के प्रवल दावेदार थे. एक समय यह खिलाड़ी दुनिया के नंबर एक ऑलराउंडर माने जाते थे. लेकिन युवी का कप्तान बनने का सपना अधुरा ही रह गया एक न्यूज शो के दौरान इन्होने इस बात खुलासा कीया है. की क्यों नहीं ये टीम इंडिया के कप्तान बन पाय.
ग्रेग चैपल और सचिन तेंदुलकर की बजह से नहीं मिली कप्तानी
युवराज सिंह जब इंडिया टीम के सीनियर खिलाड़ी थे जब धोनी को कप्तानी सौपी गई थी. उस टीम में सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्षम, राहुल द्रविड़, सौरभ गांगुली और जाहिर खान जैसे सीनियर खिलाड़ी टीम का हिस्सा थे. युवराज सिंह एक मिडिया चैनल से बात करते हुये. इस बात का खुलासा किया है. की आखिर क्यों उन्हें छोरकर धोनी को कप्तानी दी गई थी. युवी ने कहा की ग्रेग चैपल और सचिन तेंदुलकर की बजह से उन्हें टीम इण्डिया की कप्तानी नहीं मिली थी.
युवराज सिंह आगे कहा की मुझे अपने साथियों के साथ खरा रहने की सजा मिली बोर्ड के कई अधिकारिओ ने भी मुझे भय्लू नहीं दिया मुझे लगता है. की मै जिसके लिए खरा था वह स्टैंड मेरा नहीं था. यदि फिर मुझे ऐसा करना परे तो मै जरुर करूँगा. और खरा रहूँगा मुझे अपने फैसले पर कोइ पचतवा नहीं है.
बनना चाहते थे टीम इंडिया के कप्तान
युवराज सिंह ने इस बात का भी खुलासा किया है. की उन्हें टीम इंडिया का कप्तान बनना दिल की ख्वाहिश थी. लेकिन उनकी ये ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो सकी संजय मंजेकर ने जब उनसे पूछे की कभी आपकी कप्तान बनने का इक्षा नहीं था. इस बात पर युवी ने जवाब दिया की मेरा भी सपना कप्तान बनने का था. मुझे लगता था की मै भी कप्तान बनूँगा. लेकिन ग्रेंग चैपल के साथ विवाद हुआ तब मेरे पास दो ही विकल्प थे पहला की मै ग्रेंग चैपल का साथ दु. या अपने साथियों के साथ खरा रहू. इस दौरान मै अपने साथियों के साथ रहना मुनासिब समझा भारतीय बोर्ड के कई अधिकारियो का मेरा यह फैसला अच्छा नहीं लगा था.
2011 वर्ल्ड चैंपियन का हिस्सा थे युवराज सिंह
2011 वर्ल्ड कप का जबभी नाम आएगा तो सबसे पहले युवराज सिंह का नाम लिया जायेगा. इस खिलाड़ी ने उस टूनामेंट को अपने दम पर टीम इंडिया को चैंपियन बनाया था. उस वर्ल्ड कप में युवराज सिंह प्लेयर ऑफ द टूनामेंट का ख़िताब अपने नाम किया था.